कर्मचारियों ने बताया कि प्रदेशभर के अस्पतालों में पांच हजार से अधिक कर्मचारी आउटसोर्सिंग पर कार्ररत हैं। उनकी संविदा 31 अक्टूबर को खत्म हुई है, जिसके बाद उन्हें बाहर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि वह कार्यकाल बढ़ाने की मांग करते आ रहे हैं, मगर विभाग ने ऐसा करने से मना कर दिया है। ऐसे में उनके परिवारों के सामने आर्थिक संकट आ गया है। 37 कर्मचारियों में 27 स्टाॅफ नर्स, तीन वार्ड ब्वाॅय, दो फिजियोथैरेपिस्ट, दो ओटी टैक्नीशियन और तीन एक्सरे टेक्नीशियन शामिल हैं। डीएम को पे्रषित ज्ञापन में कहा कि सभी कर्मचारियों को पूर्णतयाः एनएचएम में समायोजित कर उनकी समस्त सेवाओं को बहाल किया जाये। अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
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